भारत देश की ग्रामीण समस्याएँ

'भारत देश की ग्रामीण समस्याएँ '

भारत गांवों का देश है। आज भी ज्यादातर लोग गाँव में ही रहते हैं। हमारी संस्कृति, संस्कार और परंपरा दरअसल गाँव की ही देन है। अमन, चैन, सुख, शांति और निश्चिंतता भरी सुकून के जीवन की झलक ग्रामीण जीवन में ही दिखता है। पर ग्रामीण इलाकों की अनेक समस्याएँ भी हैं जिसके कारण लोग शहर की ओर पलायन करते हैं। जिसमें निर्धनता, उच्च शिक्षा  का अभाव, अस्पताल व चिकित्सा का अभाव, रोजगार का अभाव, सड़क - बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव आदि मुख्य समस्याएँ हैं।

⏺️निर्धनता :-  निर्धनता ग्रामीण इलाकों की मुख्य समस्या है। निर्धनता के कारण लोग अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को भी पूरा नहीं कर पाते हैं। आज भी हमारे देश में लगभग करोड़ों लोग निर्धन हैं अर्थात गरीबी रेखा के नीचे हैं और जीवन निर्वाह करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वे ग्रामीण क्षेत्रों में  ही मजदूरी करने के लिए विवश हैं। उन्हें उचित पारिश्रमिक भी नहीं मिलती है। उनका शोषण होता है।    

⏺️उच्च शिक्षा का अभाव :- ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च शिक्षा देने वाले संस्थानों की कमी है। जिसके कारण ज्यादातर लोग उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं या फिर उन्हें शहर जाना पड़ता है। ग्रामीण जनजीवन को सुधारने के लिए उच्च शिक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए।
⏺️चिकित्सा सुविधाओं का अभाव :- ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा सुविधाओं की कमी है। अच्छे अस्पतालों का अभाव है। बीमार पड़ने पर लोंगों को शहर तक जाना पड़ता है जिससे परेशानी होती है। आर्थिक बोझ भी बढ़ जाता है। अतः गाँवों में दवाखाने और अस्पतालों की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे लोंगों का ईलाज हो सके।
⏺️बेरोजगारी :-  बेरोजगारी आज मुख्य समस्या है। गाँव में रहने वालों के लिए तो रोजगार की संभावनाएं कम ही होती है। ऐसे में वे शहर के लिए पलायन कर जाते हैं। अतः रोजगार की सुविधा न होने के कारण ग्रामीण विकास नहीं हो पाता है। इससे उनका जीवन स्तर भी प्रभावित  होता है। अधिकांश लोग खेती पर निर्भर रहते हैं पर उन्हें भी मौसम की मार झेलनी पड़ती है। कई बार तो लागत भी नहीं निकलती है।
⏺️सड़क और बिजली की समस्या :-  गाँव में  अच्छी सड़कों का अभाव है जिसके कारण शहरों से जुड़ पाना मुश्किल होता है। भले ही आज दावा किया जाता है कि गाँवों का भी विद्युतीकरण हो गया है। बेशक योजनाएँ बनाई जाती हैं पर उनका क्रियान्वयन सही तरीके से न होने के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कहीं कहीं तो बिजली के खम्भे लगे हैं और तार भी खींचे हुए हैं पर बिजली नदारद है। बिजली की नियमित आपूर्ति न हो पाने के कारण भी  गाँव का जीवन प्रभावित होता है। सही तरीके से खेती नहीं हो पाती है। गाँव के लोग अंधेरे में ही जीवन यापन करने के लिए विवश होते हैं।
आज भी ग्रामीण समस्याएँ ज्यों की त्यों बनी हुई हैं। जनमानस के प्रतिनिधि  के रूप में चुनकर आये नेता भी इन समस्याओं की ओर ध्यान नहीं देते अन्यथा ग्रामीण समस्याओं से निजात मिल जाता। देश के विकास की बातें सभी करते हैं पर वे इतनी सी बात नहीं समझते कि देश के विकास के लिए गाँवों को विकसित करना आवश्यक है।
➖ प्रा. अशोक सिंह
     9867889171

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